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L.B.O.M.H. ~> 31 TO 35

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मल्होत्रा परिवार, दुनिया का सबसे अमीर खानदान, 16 साल की राहा को गोद लेता है, जिसका भोलापन और चंचल मासूमियत सभी को मोह लेती है। लेकिन इस शानदार हवेली में छिपा है एक गहरा रहस्य। परिवार का बेटा अर्जुन, राहा के प्रति एक खतरनाक जुनून में खो जाता है, जो उसकी मासूमियत को एक अनजाने खतरे की ओर ले जाता है। क्या राहा का मासूम भोलापन इस जुनूनी प्रेम को थाम पाएगा, या यह अरबपति परिवार का वैभव एक अंधेरे रहस्य का साक्षी बनेगा?
वो अपने साम्राज्य का किंग है, ऐसा कि हर कोई उसका नाम लेने से पहले सोचे। न उसकी नफरत अच्छी, न उसकी मोहब्बत। पर क्या हो जब मासूम-सी मिराल फंस जाए किंग के चंगुल में? मिले उसे वो दर्द, जिसका उससे कोई लेना-देना ही नहीं था। मिले उसे समर्थ सिंह राणा की नफरत, मिले उसे बेपनाह दर्द। और फिर वो बन जाए समर्थ का जुनून।
रेयांश आर्यन, 29 साल का एक प्रोफेसर है, जो औरतों से बहुत नफरत करता है। लेकिन उसका दिल तब पिघल जाता है जब वो अपनी 19 साल की स्टूडेंट, वान्या, के प्यार में पड़ जाता है। vanya की जिंदगी मुश्किलों से भरी है, और वो हर कदम पर मुसीबतों से जूझ रही है। ये कहानी उनके उस प्यार की है, जो दुनिया की नजरों में गलत है, लेकिन उनके दिलों के लिए सच्चा है।
He is the king of his empire, so feared that everyone hesitates before taking his name. Neither his hatred nor his love is good. But what happens when innocent Miral gets trapped in the king’s clutches? She faces pain she had no part in. She faces Samrat Singh Rana’s hatred, boundless pain. And then, she becomes his obsession.
वेदी कपूर एक 17 साल की। टीनएजर लड़की है। जिसने अभी-अभी अपना ट्वेल्थ का एग्जाम दिया है। और उनकी मां। मन्नत कपूर। जो एक जानी मानी बिजनेस वूमेन है। और दूसरी तरफ है हमारे। हैंडसम से प्रोफेसर। जो भारत के नंबर वन। यूनिवर्सिटी में। स ए प्रोफेसर। बच्चों को पढ़ाते हैं। तो देखते हैं कैसी होगी इन दोनों की जोड़ी। जँहा एक तरफ है हमारी क्यूट सी चुलबुली। वेदि तो वहीं दूसरी तरफ है। रूड हैंडसम खडूस अकडू टाइप प्रोफेसर।
"छोटी परी आरा" दो साल की नन्ही सी आरा की दुनिया तब बदल जाती है जब एक हादसे में वह अपने मम्मी-पापा को खो देती है। ना कोई रिश्तेदार, ना कोई सहारा — लेकिन तभी उसके पापा के पुराने दोस्त, दुनिया के मशहूर उद्योगपति राजवीर सिंह रायचंद और उनकी पत्नी संध्या उसका हाथ थाम लेते हैं। कई पीढ़ियों से बेटी की कमी महसूस कर रही इस रायचंद खानदान में आरा सिर्फ एक बच्ची नहीं, बल्कि रौशनी बनकर आती है। पाँच बड़े भाई, दादी जैसी माँ और एक कड़क मगर दिलवाला पिता — आरा अब सिर्फ अकेली नहीं, बल्कि पूरे रायचंद खानदान की जान बन जाती है। प्यार, अपनापन, और एक नई ज़िंदगी की शुरुआत की कहानी — "छोटी परी आरा"।
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